उसको ना ना ही कहती थीं, शब्द पे उसके बिंदु थीं तुम, निकिता तुमको मरना ही था, लड़की थीं तुम, हिन्दू थीं तुम। तबका हर पल कहने वाला, बुद्धिजीवी, मौन रहेगा, तुझसे कब है स्वार्थ किसी का, तेरे संग अब कौन रहेगा ? ©Nitin Kr. Harit #justiceforNikita #NitinKrHarit