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मैं सच बोलता रहा खुद अपनी ही ताबूत में कील ठोंकता

मैं सच बोलता रहा
खुद अपनी ही ताबूत में
कील ठोंकता रहा;
अपने गुनाहों पे
बेशर्मी से अड़ जाने वाला,
अपनी खोखली हँसी से
फिज़ाओं में ज़हर घोलता रहा;
मैं सच के अल्फाज़ को 
रखते रखते झुकता चला गया 
और वो;
बेईमानी के तराज़ू में 
मुझको तोलता रहा;
गुमाँ उसका भी
आसमां से ऊँचा था,
जिसकी रीढ़ में
कोई हड्डी ना थी;
वो सीना तान कर खड़ा था,
मैं उसकी खुद्दारी टटोलता रहा...... #अभिशप्त_वरदान #खुद्दारी #yqbaba #yqdidi #yqhindipoetry
मैं सच बोलता रहा
खुद अपनी ही ताबूत में
कील ठोंकता रहा;
अपने गुनाहों पे
बेशर्मी से अड़ जाने वाला,
अपनी खोखली हँसी से
फिज़ाओं में ज़हर घोलता रहा;
मैं सच के अल्फाज़ को 
रखते रखते झुकता चला गया 
और वो;
बेईमानी के तराज़ू में 
मुझको तोलता रहा;
गुमाँ उसका भी
आसमां से ऊँचा था,
जिसकी रीढ़ में
कोई हड्डी ना थी;
वो सीना तान कर खड़ा था,
मैं उसकी खुद्दारी टटोलता रहा...... #अभिशप्त_वरदान #खुद्दारी #yqbaba #yqdidi #yqhindipoetry
gautamanand4109

Gautam_Anand

Bronze Star
New Creator