तेरी आँखों में हमने क्या देखा कभी क़ातिल कभी ख़ुदा देखा अपनी सूरत लगी पराई सी जब कभी हमने आईना देखा हाय अंदाज़ तेरे रुकने का वक़्त को भी रुका रुका देखा तेरे जाने में और आने में हमने सदियों का फ़ासला देखा -सुदर्शन फ़ाकिर तेरी आँखों में हमने क्या देखा कभी क़ातिल कभी ख़ुदा देखा अपनी सूरत लगी पराई सी जब कभी हमने आईना देखा हाय अंदाज़ तेरे रुकने का वक़्त को भी रुका रुका देखा