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ए! दिले नादां, सोचता क्यों है जाके कह दे,दिल मे ते

ए! दिले नादां, सोचता क्यों है
जाके कह दे,दिल मे तेरे आज जो भी है
तरसेगा कब तक तु महबूब की चाह में,
कबसे नैना बिछाये तुने उसकी राह में,
आज मुद्दत से दिखा है फिर दिखेगा या नही
सोचते रहने से तेरे,वक़्त निकल जाये ना कहीं..
ए!दिले नादान सोचता क्यों है,
जाके कह दे,दिल मे तेरे आज जो भी है...!!

शेष फिर आगे लिखेगे....

©Shreehari Adhikari369
  #सोचता क्यों है.
shreehariadhikar2146

HARSH369

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#सोचता क्यों है. #कविता

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