रावण दुर्योधन तुच्छ अधम पातक थे, वे तो विनम्र थे सरल कहाँ घातक थे| अब नर मुण्डो के ढेर यहाँ लगने हैं, फिर मिट्टी से इंसान कहाँ उगने हैं|| (अश्वत्थामा से..) ©आयुष कुमार 'कृष्ण' अश्वत्थामा:अमर कलयुग का महायुद्ध कलि कल्कि और अश्वत्थामा . . . .