#OpenPoetry मिलूँगी मैं तुमसे उस जहाँ में सदा के लिए... जहाँ मैं और तुम मिट्टी हो जाएंगे... एक जैसे... फिर तुम में और मुझमें कोई फ़र्क नहीं रह जाएगा... न तुम गैर-धर्मी कहलाओगे न मैं गैर-जात की.... इंसानों की इस दुनिया में तो तुम्हारा-मेरा मिलना मुमकिन ही नहीं.... क्योंकि... इंसानों की इस दुनिया में, मोहब्बत की भी जाति और मज़हब होता है!! #OpenPoetry #kavita #socialtopic #casteism #lovemarriages #challenges #intercastemarriage #behuman