Nojoto: Largest Storytelling Platform

Unsplash नसीहतें हैं तेरी इतनी पुर-यक़ीन नहीं हमें

Unsplash नसीहतें हैं तेरी इतनी पुर-यक़ीन नहीं
हमें तमाशा बनाओ तमाश-बीन नहीं 
نصیحتیں ہیں تری اِتنی پر یقین نہیں
ہمیں تماشہ بناؤ تماش بین نہیں

बग़ैर बुग़्ज़-ओ-हसद के भी रहता हो इन्साँ 
हमारे हिस्से में आई वो सर-ज़मीन नहीं
بغیر بغض و حسد کے بھی رہتا ہو انساں 
ہمارے حصے میں آئی وہ سر زمین نہیں

सुपुर्द-ए-ख़ाक ही कर दें तो हक़ अदा इनका
बहुत हैं दोस्त मगर एक भी अमीन नहीं
سپردِ خاک ہی کر دیں تو حق ادا انکا 
بہت ہیں دوست مگر ایک بھی امین نہیں

बस एक बार कहा था नहीं पसंद मुझे
फिर उसके बा'द चढ़ी अपनी आस्तीन नहीं
بس ایک بار کہا تھا نہیں پسند مجھے
پھر اسکے بعد چڑھی اپنی آستین نہیں

हमारी आँखें भी धुॅंदला गई हैं वक़्त के साथ
सुना है वो भी है पहले सा अब हसीन नहीं
ہماری آنکھیں بھی دھندلا گئی ہیں وقت کے ساتھ
سنا ہے وہ بھی ہے پہلے سا اب حسین نہیں

दिल उसके क़दमों में रखता अना भी बच जाती 
दर उसके रखनी थी हम को कभी जबीन नहीं
دل اسکے قدموں میں رکھتا انا بھی بچ جاتی 
در اسکے رکھنی تھی ہمکو کبھی جبین نہیں

दुरून-ए-ज़ात से अक्सर सदा ये आती है
जलाल आप सा कोई भी बदतरीन नहीं
درونِ ذات سے اکثر صدا یہ آتی ہے
جلال آپ سا کوئی بھی بدترین نہیں

©جلال #camping  Sarfraz Ahmad  Rakhee ki kalam se  Ruchi  Sabanoor  सफ़ीर 'रे'  शायरी
Unsplash नसीहतें हैं तेरी इतनी पुर-यक़ीन नहीं
हमें तमाशा बनाओ तमाश-बीन नहीं 
نصیحتیں ہیں تری اِتنی پر یقین نہیں
ہمیں تماشہ بناؤ تماش بین نہیں

बग़ैर बुग़्ज़-ओ-हसद के भी रहता हो इन्साँ 
हमारे हिस्से में आई वो सर-ज़मीन नहीं
بغیر بغض و حسد کے بھی رہتا ہو انساں 
ہمارے حصے میں آئی وہ سر زمین نہیں

सुपुर्द-ए-ख़ाक ही कर दें तो हक़ अदा इनका
बहुत हैं दोस्त मगर एक भी अमीन नहीं
سپردِ خاک ہی کر دیں تو حق ادا انکا 
بہت ہیں دوست مگر ایک بھی امین نہیں

बस एक बार कहा था नहीं पसंद मुझे
फिर उसके बा'द चढ़ी अपनी आस्तीन नहीं
بس ایک بار کہا تھا نہیں پسند مجھے
پھر اسکے بعد چڑھی اپنی آستین نہیں

हमारी आँखें भी धुॅंदला गई हैं वक़्त के साथ
सुना है वो भी है पहले सा अब हसीन नहीं
ہماری آنکھیں بھی دھندلا گئی ہیں وقت کے ساتھ
سنا ہے وہ بھی ہے پہلے سا اب حسین نہیں

दिल उसके क़दमों में रखता अना भी बच जाती 
दर उसके रखनी थी हम को कभी जबीन नहीं
دل اسکے قدموں میں رکھتا انا بھی بچ جاتی 
در اسکے رکھنی تھی ہمکو کبھی جبین نہیں

दुरून-ए-ज़ात से अक्सर सदा ये आती है
जलाल आप सा कोई भी बदतरीन नहीं
درونِ ذات سے اکثر صدا یہ آتی ہے
جلال آپ سا کوئی بھی بدترین نہیں

©جلال #camping  Sarfraz Ahmad  Rakhee ki kalam se  Ruchi  Sabanoor  सफ़ीर 'रे'  शायरी
jalaal7228495809080

جلال

New Creator