रूठुगी मैं तुमसे इक दिन इस बात पे, जब रूठी थी मैं तो मुझे मनाया क्यूँ नही... कहते थे तुम तो करते हो मुझसे प्यार, जो दिखाया मैने नखरे तो उठाये क्यूँ नही... मुहँ फेर कर जब खडी थी मैं, वहां बुलाकर मुझे पास सीने से अपने लगया क्यूँ नही... पकड़ कर तेरे हाथ पुछूंगी मैं तुमसे, हक अपना मुझ पर तुमने जताया क्यूँ नही... इस धागे का एक सिरा तुम्हारे पास भी तो था उलझा अगर मुझसे, तो तुमने उसे सुलझाया क्यूँ नही!!! #firstquote When you love someone truly love them, you lay your heart open to them. You give them a part of yourself that you give to no one else, and you let them inside a part of you that only they can hurt you.