ज़िद्दी बचपन कितनी ज़िद्दी थी मैं (अब भी हूँ), छोटी-छोटी चीजों के लिए ज़मीन पर लेट कर हाथ- पाँव पटकना और तब तक पटकते रहना जब तक मेरे मन की बात ना हो जाए। #ZiddiBachpan