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नभ में बादल के आने से, पुरवा के जोर लगाने से, वर्ष

नभ में बादल के आने से,
पुरवा के जोर लगाने से,
वर्षा की इस आहट से, 
मुझे याद तुम्हारी आती है,
और मुझको बहुत सताती है ।

धरती की इस हरियाली से, 
इस भीगी- भीगी डाली से,
बादल में चमकती दामिनी से,
मुझे याद तुम्हारी ़़़़़़़़़़़़़़़़।

वर्षा की इन बूँदों से,
लहराते सागौन के फूलों से,
सावन के इन झूलों से, 
मुझे याद तुम्हारी़ ़़़़़़़़़़़़़। mujhe yaad tumhari ATI hi.. Monika Singh (Nick)  mshweta145 Havaruni Dueby Namita Writer Pakhi Gupta
नभ में बादल के आने से,
पुरवा के जोर लगाने से,
वर्षा की इस आहट से, 
मुझे याद तुम्हारी आती है,
और मुझको बहुत सताती है ।

धरती की इस हरियाली से, 
इस भीगी- भीगी डाली से,
बादल में चमकती दामिनी से,
मुझे याद तुम्हारी ़़़़़़़़़़़़़़़़।

वर्षा की इन बूँदों से,
लहराते सागौन के फूलों से,
सावन के इन झूलों से, 
मुझे याद तुम्हारी़ ़़़़़़़़़़़़़। mujhe yaad tumhari ATI hi.. Monika Singh (Nick)  mshweta145 Havaruni Dueby Namita Writer Pakhi Gupta
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arun awasthi

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