उद्यत उद्यम कुलट करे,अभिनव लाजवंती प्रगल्लभ अरदास । मद्यप मंजिष्ठाराग देवदास करे,विरहिन वृत्त प्रणय-प्रकाश ।। आनंद-रस आर्द्र स्निग्ध नयन नतन नीत प्रियतम प्रणय पुकार । विरह-वश सर्द विदग्ध प्रणयन जतन प्रीत वैभव अलय अहंकार।। ©RAVINANDAN Tiwari #अनुराग_कच्ची_सड़क #अनुराग #हल्के_कलम #चूँ_चूँ_का_मुरब्बा #nojotohindi