Nature best Quotes and images बदरी छाई तुम्हें मिलूं या भूल जाऊं यह सोच कर परेशान हूं मिट जाऊं या जी जाऊं यही सोचने में नाकाम हूं जीना चाहती हूं अपने लिए कुछ कर्तव्य की बेड़ियां है उन्हें तोड़ दूं कि निभाओ इसी सोच ने जकड़ा है कितना मुश्किल है सब समेटना और फिर से किसी से जुड़ना अपने आपको फिर से जीना इस कशमकश ने मुझे झिंझोडा है ©_muskurahat_ #raj #poet #nojotohindi #nojotopoetry #badarichai