माया कुछ और नही,अज्ञानता के कारण स्वजनित अवरोध है, आत्मिक विस्मृति के लक्षण काम,लोभ,मोह,भय,अहं और क्रोध हैं, ज्ञानी जन सजग रहते हैं, इनके वश हो कोई पाप कर्म न हो कभी, देह को पूर्णतय विस्मृत कर,परमात्मा की स्मृति स्वयं का शोध है, यह अवरोध कई रूपो में प्रकट होता है,सुख शांति से दूर करते हैं, ब्रह्माण्ड के नियमों की विस्मृति ही पीड़ा का मुख्य कारण है, संगमयुग है,धरा पर परमात्मा अवतरित हैं, भाग्य बनाने की वेला है, 'हद की मैं' से निकालकर 'बेहद मैं' में विचरण इसका निवारण है। ज्ञानी भव:🤚 #yqbaba #yqdidi #मायाजाल #मैट्रिक्स