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बाँहे फैलाये किसी पक्षी की तरह जब कभी तुम्हें आका

बाँहे फैलाये किसी पक्षी की तरह जब कभी तुम्हें 
आकाश को नापते हुए देखता तो
 मैं 
तिनका तिनका में  बंट एक घोंसला हो जाना चाहता हूँ

©Author kunal #Jack&Rose 

जितने अपने थे सब के सब यूँ खोने लगे
सुल्ह क्या हुए इश्क में मस'अले होने लगे

उसने सलीके से गोद में यूँ सँवारा सर मिरा 
कि बरसो के जगे ख्वाब भी अब सोने लगे
बाँहे फैलाये किसी पक्षी की तरह जब कभी तुम्हें 
आकाश को नापते हुए देखता तो
 मैं 
तिनका तिनका में  बंट एक घोंसला हो जाना चाहता हूँ

©Author kunal #Jack&Rose 

जितने अपने थे सब के सब यूँ खोने लगे
सुल्ह क्या हुए इश्क में मस'अले होने लगे

उसने सलीके से गोद में यूँ सँवारा सर मिरा 
कि बरसो के जगे ख्वाब भी अब सोने लगे
kunalkarn5063

Author kunal

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