यूं भटकता था बस आवारा hydrogen की तरह लाइफ पड़ा था unsaturated hydrocarbon की तरह तभी तुम्हे देख मन में उम्मीद जगी Akardmij की तरह बातों में तेरी Glucose की मिठास लगी सांसों में Ester की मधुर खुशबू अदा, लगे जैसे बिन पिए alcohol ka खुमार शरीर का रंग ऐसा खास, जैसे अंधेरे में Radium का एहसास तुम्हारी प्यारी मुस्कान, जैसे मंगल ग्रह पर विशाल Chandrayan बड़ी आंखों पर छोटी पलक, जैसे blackhole पर Ozone की परत तुम्हारी चाल low of Motion बताती है, ये आंखें न्यूटन का Gravitation दिखाती है ना चाहते हुए भी दिल का change in enthalpy कराती हैं नज़रें मिली Reaction हुआ ऑर हुआ love production घर के चक्कर लगवाए ऐसे जैसे neucleous के पास neutron चाह कर भी नहीं आया, फसा रखा है मुझे ये lockdown थोड़ा देर तो हो रहा है but नहीं हुआ हूं expire जुड़ गया है मेरे मन से तुम्हारे मन की वायर इसलिए मैं हूंआइंस्टीन तू मेरी mc square. science poem