फिर दिमाग में कोई और कैसे होगा अपना मान चुकी पहले ही तुझे फिर हाथो में नाम कोई और कैसे होगा बस गए हो तुम ही तुम हर सांस में मेरे फिर इक़रार-ए-हकदार कोई और कैसे होगा सिर्फ इतना ही बता दो की कैसे किया खुद को किसी और के हवाले हमने तो सोचा भी न किसी को फिर मोहब्बत कोई और कैसे होगा... #SeHeR