Nojoto: Largest Storytelling Platform

यूँ खुले बाल तो अच्छे हैं पर मेरा कहा मानो जुड़ा बा

यूँ खुले बाल तो अच्छे हैं
पर मेरा कहा मानो
जुड़ा बाँध लिया करो,
तुम्हारे खुले बाल
मुझे अलंकृत करता तो है
पर हम कपटी पुरुष
वासना के चंगुल में
तुम्हारे खुले बाल को
सम्प्रेषित करते हैं
तुम मानो या न मानो
इन बालों के सोभनियता को
हम छलते हैं, 
तृष्णा के उद्धभाव से
तुम्हारे अंग-अंग को
बहशी बन काटते हैं।
क्षुब्ध नयनों से तारते हैं!
तुम्हें भोग की बस्तु मान
टूट पड़ते हैं!
फिर तुम हारकर जुड़ा बाँधते हो
मैं चाहता हूँ ये खुले बाल
खुले न रहे!
मैं बहशी न बन पाऊँ
तुम लाज को 
अपना आभूषण
बना लो...
तुम जुड़ा बाँध लो

©सौरभ अश्क #जूड़ा 
#प्रेम
#बहशी
#अकेला
#आवाज
#ओ

#Woman
यूँ खुले बाल तो अच्छे हैं
पर मेरा कहा मानो
जुड़ा बाँध लिया करो,
तुम्हारे खुले बाल
मुझे अलंकृत करता तो है
पर हम कपटी पुरुष
वासना के चंगुल में
तुम्हारे खुले बाल को
सम्प्रेषित करते हैं
तुम मानो या न मानो
इन बालों के सोभनियता को
हम छलते हैं, 
तृष्णा के उद्धभाव से
तुम्हारे अंग-अंग को
बहशी बन काटते हैं।
क्षुब्ध नयनों से तारते हैं!
तुम्हें भोग की बस्तु मान
टूट पड़ते हैं!
फिर तुम हारकर जुड़ा बाँधते हो
मैं चाहता हूँ ये खुले बाल
खुले न रहे!
मैं बहशी न बन पाऊँ
तुम लाज को 
अपना आभूषण
बना लो...
तुम जुड़ा बाँध लो

©सौरभ अश्क #जूड़ा 
#प्रेम
#बहशी
#अकेला
#आवाज
#ओ

#Woman