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ग़ुलाब के खुशबू की तरह ओ महकने लगी हैं। चाँद की रो

ग़ुलाब के खुशबू की तरह ओ महकने लगी हैं।

चाँद की रोशनी की तरह ओ चमकने लगी हैं।

कुछ तो ख़ास हैं उसमें,

उन्हें देखने के लिए दिल धड़कने लगी हैं।

By आर्या बरेठ। सिंपल सा थॉट ....
ग़ुलाब के खुशबू की तरह ओ महकने लगी हैं।

चाँद की रोशनी की तरह ओ चमकने लगी हैं।

कुछ तो ख़ास हैं उसमें,

उन्हें देखने के लिए दिल धड़कने लगी हैं।

By आर्या बरेठ। सिंपल सा थॉट ....
aaryabareth9635

- Arun Aarya

Bronze Star
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