हे मुरारी, तूने क्यू रची है नारी, नयन दिए जैसे हो गांधारी, सब देख भी कुछ न बोले, जिव्हा ऐसी किसे हो प्यारी, हे मुरारी, तूने क्यू रची है नारी। एक रची तूने वो द्रौपदी, देख ज़रा नादानी उसकी अन्याय को जो सह न सकी अग्नी की जन्मी हठी कहलाई क्या हुआ जो केश पकड़ भरी सभा मे हुई रुसवाई चुप रहती, सब सहती युद्ध ना होता, कौरव वंश का डंका बजता हे मुरारी, तूने क्यू रची है नारी। हे मुरारी, तूने क्यू रची है नारी, #krishna #draupadi #women #draupadi_and_krishna #speakup #speakupforyourself #breakthesilence