संस्कारों का लोगों में अब दिखने लगा है अभाव क्योंकि ज्ञान बांटने में व्यस्त है सारा संसार, अपने ही बच्चों से नाइत्तिफाकी के चलते लाचार हो रहे बूढ़े मां-बाप, पहले घर-आंगन में गूंजा करती थी किलकारियां बच्चों की क्योंकि होते थे संयुक्त परिवार, नाइत्तिफाकी के चलते घर हो रहे विरान और युवा पीढ़ी बनती जा रही है शैतान, सात जन्मों के बंधन सात दिनों में अब टूटने लगे मर्यादा-संस्कार लोगों से रूठने लगे, मतभेदों पर विचार करने का समय अब रहा नहीं आभासी दुनिया में सब मूक बधिर बनकर जो रह गए! Challenge-143 #collabwithकोराकाग़ज़ 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :) (नाइत्तिफ़ाक़ी उर्दू शब्द है जिसका अर्थ है असहमति या मतभेद) #नाइत्तिफ़ाक़ी #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️