हे त्रिदेव हे शिवशंकर हे भोलेनाथ हे गंगाधर, सैकड़ो जगत मे तेरे नाम राम उसका रावण भी उसका, जीवन उसका मरण भी उसका तांडव है और ध्यान भी वो है, अज्ञानी का ज्ञान भी वो है वो ही आदि वो है अनंत वो ही है सर्वेश्वर, वही शून्य है वही इकाई जिसके भीतर बसा शिवाय ।। ॐ नमः शिवाय ।। #सुचितापाण्डेय #suchitapandey #शिवाय #शिवरात्रि