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ना जाने क्यों बातों का सिलसिला टूट गया दिन का सप

ना जाने क्यों
 बातों का सिलसिला टूट गया
 दिन का सपना
 न जाने क्यों आज टूट गया
 दिल क्यों मेरा टूट गया
 जिसे मैं सदा के लिए मान बैठा था खुदा
 वह शैतान क्यों निकल गया

©DR. LAVKESH GANDHI
  #udaasi #
# दिल के अरमा नालियों में बह गए #

udaasi # # दिल के अरमा नालियों में बह गए #

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