लोग कंधा से कंधा मिलाकर नहीं चल रहे है वे पटरी से पहिया मिलाकर चल रहे है जिसने रातों की नीद गवाई,दिन का चैन गवा रहा है खुशी और गम से अपना आशियाना बना रहा है लोगों को एक शहर से दूसरे शहर पहुंचा रहा है किसी को मंजिल तो किसी को कश्ती तक पहुंचा रहा है तो कहीं कर्तव्य का पालन कर रहा है तो कहीं शासकीय निजी सेवा दे रहा है वो एक locopoilt है जो अपने कर्तव्यों के लिए खड़ा है और नवाजो उसे जो हमारे लिए तत्पर लड़ा है Dedicated to all locopoilt🚆🚉🚊 👮 Akanksha Mohane.... special for special person