@उसका रंग ही उसका वजूद है घुंघराले बालों मे , खाली बदन एक बड़ी से टंगी खाली बोर्ड पर, रंग से 'नायाब को नायक' बनाता वो एक लड़का, जो घन्टों से रंगीन दुनिया की गुत्थी सुलझाए जा रहा. मैं रंगहीन पड़ी किसी द्रव के भाँति, आकार में बहने को लेटी हूँ वो रंगों के सौ किस्से कहानी बताता मिलावट को उलझाकर, नया रंग देता हल्की सी हाथों से किनारे को पोंछता मानो कवि समुन्दर को निहार रहा हो मेरे लिए बिल्कुल नया था, जैसे पंछी के लिए उसकी पहली बारिश मैं उस पंछी की भाँति स्तब्ध रही उसने कहा, तुम्हें कुछ कहना है इशारे मे कहा _"तुम आजाद हो" अब इतनी जल्दी पंछी आजाद कहा होती है,और मेरी कविता भी ©Rumaisa #चित्रकारी #Rang