हारना नहीं हम भूल नही पायेंगे उनके ये अल्फाज़ जब हम कुछ नही थे उनका यह कहेना बहुत कुछ था "तुम कर सकती हो" कैसे सोचलिया आप ने की आपकी इज्जत नही है मन में "बस शुक्रिया कहे ने के शब्द नही थे" हमारे लिए वो इंसान एक फरिश्ता है "जिसने मुझे समज लिया" और... हा यू तो कुछ भी भूलते नही है पर उन्हें नज़र अंदाज कैसे करे जिस्ने हमारे बुरे वक्त में आश्वासन ही सही "दिया तो सही" कुछ यू भी है जिसने राह ही नहीं बल्कि हाथ पकड़ कर साथ चले है हम मर कर भी उनकी इस इंसानियत को कफा नही कर सकते ©Khushbu mavar #PoetInYou Ayushi Singh