कहाँ अबकी वो रौनकें कहाँ वो सरगर्मियां ईद का रोज़ और मयस्सर ये तनहाइयाँ भेज रहे हैं ईदी में दुआएं क़ुबूल कर लेना देखना इंशाल्लाह अगले बरस फिर जमेंगी महफ़िलें आबाद जहाँ में कहकहे लगाती ख़ुशहाल ज़िंदगियाँ ईद मुबारक़ - 25/5/20