बात जब हद से गुजर जाए तो कोई क्या करे जमीं जब पद से खिसक जाए तो कोई क्या करे बहुत मुश्किल है दिल के तूफानों में टिके रहना दर्द जब जद से निकल जाए तो कोई क्या करे #श्रद्धांजलि सुशांत सिंह राजपूत