चाँद सी मूरत लगती हो तुम बहुत खूबसूरत लगती हो जब होठों पर मुस्कुराहट लाती हो सच कहुँ -२ तो नशीली शराब लगती हो तुम बहुत खूबसूरत लगती हो आँखों मे काजल -माथे पे बिंदिया होठों पे लाली और वो ग्रीन साड़ी जब सामने तुम आती हो मुझे मदहोश कर देती हो तुम बहुत अच्छी लगती हो -निशित कुमार झा तुम बहुत खूबसूरत लगती हो