Nojoto: Largest Storytelling Platform

बाबुल मोरे! मैं धान की पौध सींचा तुमने अपने पसीने

बाबुल मोरे!
मैं धान की पौध
सींचा तुमने अपने पसीने से,
सजग रहने बचाया नन्ही,
कोंपलों को।
पानी में खड़े रहकर रोपा,
दूसरे खेत में,
देखा कि बहा न दे,
पानी का रेला,
नाजुक जड़ों को!
आज मजबूती से पैर जमाए,
लहलाती खेती-सी मैं!
लेकिन
भूली नहीं मैं
तुम्हारी पीठ पर बरसती
सर्दी, गर्मी, बरसात
तुम्हारे पैरों की गलन!
मेरा गर्व तुम्हारा ही गौरव है
बाबुल मोरे!

©D.J. Prajapati
  #standout # Pipal ki chanv h pita

#standout # Pipal ki chanv h pita #कविता

27 Views