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मैं शब को कैसे बतलाऊँ, बहुत से दिन मेरे आँगन में


मैं शब को कैसे बतलाऊँ,
बहुत से दिन मेरे आँगन में यूँ आधे अधूरे से 
कफ़न ओढ़े पड़े हैं कितने सालों से,
जिन्हें मैं आज तक दफना नही पाया!

©life story
  #गुलज़ार साहब
rinki3528698386076

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