कोरा काग़ज़ दूसरा चरण:-ग़ज़ल शीर्षक:- बचपन ख़्वाब में जो पुराना वो बचपन दिखा फ़िर हमें खिलखिलाता वो बचपन दिखा मनचली सी वो तितली को हाथों में फिर बांध कर मुस्कुराता वो बचपन दिखा काग़ज़ी नाव को हमें बरसात में दूर तक ही बहाना वो बचपन दिखा जुगनुओं का वही चांदनी रात में झील में झिलमिलाता वो बचपन दिखा वो नदी और तालाब के 'नीर' में मौज में छपछपाता वो बचपन दिखा। KKPC27 कोरा काग़ज़ दूसरा चरण:- ग़ज़ल शीर्षक:- बचपन ख्वाब में जो पुराना वो बचपन दिखा फिर हमें खिलखिलाता वो बचपन दिखा