मोमबत्तियों में वो सुकून कहाँ जो लाखों टिमटिमाते सितारों के नीचे मिलता है कृतिम सुगंध मुकाबला कैसे कर सकती है ? बगीचें के उस नए फूल का जो श्रावण के आते ही खिलता है रेत सीमेंट की दीवारें जाने कितनो का दम घोट चुकी है मिट्टी की ठंडक,माँ की गोद का आराम कहाँ मिलता है बिजली ढूंढते फिर रहे है सब अंधयारी रात में चाँद बेचारा कवितायों में बैठा जलता है थोड़ा सुकून ढेर सारी किताबें कुछ ग़ज़ल और चाँद आसमान तले मेरे सपनो का महल यूँही बनता है -siya kitaabe music chaand or adrak wali chay...😂😂😂 #ishq #Love #hindipoetry #Nojoto #nojotohindi #Emotion #sapno_ka_mahal