पूरी शब-ए-हिज़्र इंतजार में गुज़ार देती है, रुकने कहा होगा आफ़ताब ने महताब से। रात की हिना लगाए बेक़रार वो बैठी है, ज़िद है मिलना है चमकते आफ़ताब से। ©Avni Uplabdhee *मुंतज़िर चांद* #मुक्तक #urdu #nojoto #shayari #chand🌜 #Moon