Nojoto: Largest Storytelling Platform

महफ़िल में महबूब का हुस्न एक शेर से निखर आया है।

महफ़िल में महबूब का हुस्न एक 
शेर से निखर आया है।
ग़ज़ल सुनाने महबूबा को अपने 
सिर पैर लाया है। मंडराती रहती हैं रूहें जिसकी👁️आँखों में मेरी,
और बरस🌨️जाती हैं बनकर के लहू, फिर भींगकर...
उस लहू में, हो जाती है तर🌀बतर जब मेरी आत्मा,
तो बन जाते हैं🎶गीत, ग़ज़ल, कविता और नज़्म...
.
.
.
.
महफ़िल में महबूब का हुस्न एक 
शेर से निखर आया है।
ग़ज़ल सुनाने महबूबा को अपने 
सिर पैर लाया है। मंडराती रहती हैं रूहें जिसकी👁️आँखों में मेरी,
और बरस🌨️जाती हैं बनकर के लहू, फिर भींगकर...
उस लहू में, हो जाती है तर🌀बतर जब मेरी आत्मा,
तो बन जाते हैं🎶गीत, ग़ज़ल, कविता और नज़्म...
.
.
.
.
nojotouser8696029376

साहस

New Creator

मंडराती रहती हैं रूहें जिसकी👁️आँखों में मेरी, और बरस🌨️जाती हैं बनकर के लहू, फिर भींगकर... उस लहू में, हो जाती है तर🌀बतर जब मेरी आत्मा, तो बन जाते हैं🎶गीत, ग़ज़ल, कविता और नज़्म... . . . . #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqrestzone #collabwithrestzone #rzpartners #rzhindi4collab89