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*ॐ बोधिसत्त्व ॐ* *गहन बोध जीवन ज्ञान का मूल अमृत

*ॐ बोधिसत्त्व ॐ* 

*गहन बोध जीवन ज्ञान का मूल अमृत है*
*जिसका दिव्य चेतन सूत्र, जीव है,*
*जो महा होश का पूर्ण सृजक है।*
*होश के वृक्ष पर ही चेतना के दिव्य कमल खिलते हैं*
*तथा चेतना का उद्भव हो आत्मा का पूर्णोदय है*
*जो परम् चैतन्य अवस्था आत्मज्ञान की पूर्ण संजीवनी है*

*ॐअभिमन्यु (मोक्षारिहंत)ॐ*

©Abhimanyu Dwivedi बोधि दर्शन
*ॐ बोधिसत्त्व ॐ* 

*गहन बोध जीवन ज्ञान का मूल अमृत है*
*जिसका दिव्य चेतन सूत्र, जीव है,*
*जो महा होश का पूर्ण सृजक है।*
*होश के वृक्ष पर ही चेतना के दिव्य कमल खिलते हैं*
*तथा चेतना का उद्भव हो आत्मा का पूर्णोदय है*
*जो परम् चैतन्य अवस्था आत्मज्ञान की पूर्ण संजीवनी है*

*ॐअभिमन्यु (मोक्षारिहंत)ॐ*

©Abhimanyu Dwivedi बोधि दर्शन