قطہ/क़िता قظا کہ خوف سے رشتہ خدا سے جوڑ لی سدا-ے- کُن کا تلبگار میں شاعر میں क़जा के खौफ से रिश्ता खूदा से जोड़ ली सदा-ए-कुन का तलबगार मैं शायर मैं یوں میرے گم تو ٹٹولے گے ہیں جیسے کے نہیں بدن سے ہوں بےزار میں شاعر میں युँ मेरे ग़म तो टटोले गऐ हैं जैसे के नहीं बदन से हुँ बेज़ार मैं शायर मैं #urdupoetry #Qita #Urdushyari #urduhindi Kunal Rajput (नज़र نظر) क़जा :- Death