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भूख ख़तरनाक है या मृत्यु ? मैं तय कर रहा हूँ कि भू

भूख ख़तरनाक है या मृत्यु ?

मैं तय कर रहा हूँ कि भूख ख़तरनाक है या मृत्यु 
मृत्यु सिर्फ ले जाती है आराम से,प्यार से बड़े सलीखे से
कोई मरता है रोग से,कोई मरता भोग से या किसी अन्य प्रकोप से
किन्तु मृत्यु किसी को नही मारती वो तो बस सेतु है विकार से निर्विकार होने का
भूख हर क्षण तड़पाती है मारती है  रहम नही करती
भूख को सिर्फ लेना आता है जैसे छीन लेती है शेषित नमी भी शरीर की 
मृत्यु झगड़ती है भूख से तुम्हारे लिए क्योंकि वह जानती है कि
भूख तुम्हे तब तक परेशां करती रहेगी जब तक मृत्यु तुम्हे अपना नही लेगी
औऱ देखो आखिर तुम्हारे लिए जीत के भी आती है फिर आराम से,प्यार से बड़े सलीखे से ले जाती है अपने साथ.....

मैं अभी भी तय कर रहा हूँ कि भूख ख़तरनाक या मृत्यु ! #003भूख ख़तरनाक है या मृत्यु

मैं तय कर रहा हूँ कि भूख ख़तरनाक है या मृत्यु 
मृत्यु सिर्फ ले जाती है आराम से,प्यार से बड़े सलीखे से
कोई मरता है रोग से,कोई मरता भोग से या किसी अन्य प्रकोप से
किन्तु मृत्यु किसी को नही मारती वो तो बस सेतु है विकार से निर्विकार होने का
भूख हर क्षण तड़पाती है मारती है  रहम नही करती
भूख को सिर्फ लेना आता है जैसे छीन लेती है शेषित नमी भी शरीर
भूख ख़तरनाक है या मृत्यु ?

मैं तय कर रहा हूँ कि भूख ख़तरनाक है या मृत्यु 
मृत्यु सिर्फ ले जाती है आराम से,प्यार से बड़े सलीखे से
कोई मरता है रोग से,कोई मरता भोग से या किसी अन्य प्रकोप से
किन्तु मृत्यु किसी को नही मारती वो तो बस सेतु है विकार से निर्विकार होने का
भूख हर क्षण तड़पाती है मारती है  रहम नही करती
भूख को सिर्फ लेना आता है जैसे छीन लेती है शेषित नमी भी शरीर की 
मृत्यु झगड़ती है भूख से तुम्हारे लिए क्योंकि वह जानती है कि
भूख तुम्हे तब तक परेशां करती रहेगी जब तक मृत्यु तुम्हे अपना नही लेगी
औऱ देखो आखिर तुम्हारे लिए जीत के भी आती है फिर आराम से,प्यार से बड़े सलीखे से ले जाती है अपने साथ.....

मैं अभी भी तय कर रहा हूँ कि भूख ख़तरनाक या मृत्यु ! #003भूख ख़तरनाक है या मृत्यु

मैं तय कर रहा हूँ कि भूख ख़तरनाक है या मृत्यु 
मृत्यु सिर्फ ले जाती है आराम से,प्यार से बड़े सलीखे से
कोई मरता है रोग से,कोई मरता भोग से या किसी अन्य प्रकोप से
किन्तु मृत्यु किसी को नही मारती वो तो बस सेतु है विकार से निर्विकार होने का
भूख हर क्षण तड़पाती है मारती है  रहम नही करती
भूख को सिर्फ लेना आता है जैसे छीन लेती है शेषित नमी भी शरीर
puneetsingh7296

Puneet Singh

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