यूँ तो ये जिंदगी तेरे सफर से शिकायतें बहुत थी 2 मगर दर्द जब दर्ज कराने पहुंचे तो वहां कतारें बहुत थी । 2 कभी फुरसत मिले तो उनका हाल भी पुंछ लिया करो जिनके सीने में तुम दिल बनके धड़कते हो जब गिला सिकवा अपनो से ही हो तो खामोसी ही भली ह 2 अब हर बात पर जंग हो ये जरूरी तो नही फूल देखे थे हमने जनाजों पे अक्सर मगर कल सहेर में फूलों का ही जनाजा देखा हमने उम्र जाया कर दी लोगो ने औरों के वजूद में नुक्शा निकालते निकालते 2 sujeetshidharth