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फिर से ढलती ढलती शामें मन को छूकर जाती है, मीठे गी

फिर से ढलती ढलती शामें मन को छूकर जाती है,
मीठे गीत सुहाने फिर से आज हवाएं गाती है।

फिर से सब कुछ बदला बदला और अनोखा लगता है,
रंग सुनहरा फुलवारी का फिर से चोखा लगता है।

फिर से पायल के बजने से बजते दिल के तार सभी,
नजरे पल भर मिल जाने से सपने है साकार सभी।

फिर से ढलती ढलती शामें मन को छूकर जाती है, मीठे गीत सुहाने फिर से आज हवाएं गाती है। फिर से सब कुछ बदला बदला और अनोखा लगता है, रंग सुनहरा फुलवारी का फिर से चोखा लगता है। फिर से पायल के बजने से बजते दिल के तार सभी, नजरे पल भर मिल जाने से सपने है साकार सभी। #Love #ValentineDay #कविता #nojotovideo

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