तुम कहो तो सही ऐ दोस्त... कि मुझे जमाने से कोई फर्क नहीं पड़ता मैं तुमसे सारी जज्बात कह दूँ भावनाओं को अल्फाज बनाकर आज ही दिल की सारी बात कह दूँ तुम आज भी गलतफहमी और विश्वास में उलझी हो तुम कहो तो मैं जनम जनम का साथ कह दूँ कितना दर्द खुद में समेट के बैठा हूँ तुम कहो तो आज ही धरती आकाश कह दूँ मेरी आवाज में वो दर्द आज भी है बस तुम कहो तो पत्थर को भी झरझर रुला दूँ लेकिन मैं जानता हूँ कि अब ये संभव नहीं है इसलिए क्यों न मैं खुद को ही खुद में बंद कर लूँ -Amar Bairagi #पहलेके कुछअल्फाज #paidstory3