यह दुनिया चांद पर पहुंच गई है पर कई मासूम जिंदगी या वहीं जमीन पर पड़ी है मिलेगा कुछ भूख मिटाने को यही सोचकर किसी की दहलीज पर खड़े हैं उनकी उनकी जिंदगी की यह कभी ना बदलने वाली घड़ी है आखिर क्या है वजह जो यह सदियों से चली आ रही समस्याएं ज्यों की त्यों खड़ी है यही हमारे विकास की छवि है ना तो कभी इनकी जरूरतें पूरी की जाती है ना ही कभी यह सच्चाई सामने आती हैं बस अटकलें लगाई जाती हैं वोट कमाने की किसी भी कीमत पर सत्ता हथियाने की नाही सत्ता धारियों को इनके दर्द का एहसास है और ना ही इनकी मजबूरियों का क्या यही हमारे भारतवर्ष का बनने वाला इतिहास है महंगाई की इस दुनिया में परिवार का पेट भरना भी जिनके लिए मुश्किल हो रहा है आखिर वे अपने बच्चों को कैसे पढा पाएंगे क्या कभी गरीबों के बच्चे यह गरीबी की परंपराएं तोड़ पाएंगे क्या इन मासूमों को अपने हिस्से की खुशियां मिल पाएगी या यूं ही उनकी यह जिंदगी बीत जाएगी मोनिका राठी #छवि विकास की #कविता गरीब और अमीर के बीच की खाई कैसे कम होगी यह गहराई ।। समझ नहीं आ रहा है अमीर और गरीब के बीच की खाई को हम मिटाना चाहते हैं वह दिन प्रतिदिन और बढ़ती जा रही है क्योंकि जिस शिक्षित समाज की आवश्यकता देश को है वह शिक्षा गरीब के बच्चों तक कैसे पहुंच पाएगी जहां तक सवाल है तकनीकी शिक्षा शिक्षा का या मानसिक शिक्षा का इन सरकार की शिक्षाओं से गरीबों के बच्चे कोसों दूर है सरकारी स्कूलों में जिस प्रकार की स्थिति है उसे देखकर कतई नहीं लगता है कि अंतर कभी मिट जाएगा जो बच्चे देश का भविष्य हैं अगर वे शिक्षा से वंचित रहेंगे तो फिर समाज का वही वर्ग शिक्षित होगा जो अपने बच्चों को महंगे प्राइवेट स्कूलों में भेज पाएंगे बाकी समाज तो अपनी स्थिति से कभी उभर ही नहीं पाएगा। #Stars&Me Surjit sabir✍️