यू मेरी सांसों में मेरी रुह में तू बसी हुई है। अब तो सांस लेने की फुर्सत नहीं मुझको ,अजी यू इस तरह से मेरी बांहों में तू कसी हुई है तू इस तरह से मेरी बाहों में यू समाई है मैं तड़प रहा था इन सुलगती हुई फिज़ाओं मैं। ख़लिश मिटी जब ऐसे जो आई तू मेरी बांहों में।। यू तेरे तन में मैं ,मेरे तन में तू रची हुई है यू मेरी सांसों में मेरी रुह में तू बसी हुई है। अब तो सांस लेने की फुर्सत नहीं मुझको,अजी यू इस तरह से मेरी बांहों में तू कसी हुई है अब न दिल को सूकू न जिगर को चेंन आयेगा। न पता था इस दिल में तू इस तरह से समायेगा।। देख न मेरी आंखों में तेरी सूरत यू सजी हुई है यू मेरी सांसों में मेरी रुह में तू बसी हुई है। अब तो सांस लेने की फुर्सत नहीं मुझको,अजी यू इस तरह से मेरी बांहों में तू कसी हुई है तेरे नूर से रोशन होती है ये ज़िन्दगी मेरी। मेरी जिंदगी अब तो है ये अमानत तेरी।। अब तो दिल मे एक हलचल सी मची हुई है यू मेरी सांसों में मेरी रुह में तू बसी हुई है। अब तो सांस लेने की फुर्सत नहीं मुझको,अजी यू इस तरह से मेरी बांहों में तू कसी हुई है यू इस तरह से मेरी बांहों में तू कसी हुई है यू इस तरह से मेरी बांहों में तू कसी हुई है गौहर अयूब इटावी ©Gauhar Ayub Etawi Geetkar मेरे सांसों में तू है समाया। #Love