Happy Janmashtami दोस्ती को---- क्योकि "रिश्ता मुहोब्बत से मिट्ठा ,दोस्त का होता!वो गोविंद राधा को नहीं,"सुदामा"को रोता,,,,, ओम भक्त "मोहन वैसे---श्री कृष्ण के हर गुण अपनाने योग्य है लेकिन हम इंसान है वे सर्वशक्तिमान है-----हमारी भुजाओ मे वो कारक नही की उन्हे पुर्णत आत्मसात कर ले,,,,,,, लेकिन फिर भी """इंसानी औकात व इंसान होने की अहमियत से हम """"उनके दोस्ताना व्यवहार को आत्मसात कर ले जो आज के युग की धुरी है,,,,, मुहोब्बत जरुरी है ------लेकिन इसका मतलब सिर्फ और सिर्फ प्रेमिका से ,नही बल्कि """कुदरत से,हर जिस्म से,हर रंग से,रुप से,,,,,,,,, लेकिन यह सब बाते किताबे बन कर रह गयी,,आज मुहोब्बत का अर्थ "केवल फिगर रुपी सुदंरता का "अंधा युग"बनकर रह गया,,,,