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Kbhi मांग में मुझे भी तो भर, कभी अपने गजरे से मुझे

Kbhi मांग में मुझे भी तो भर,
कभी अपने गजरे से मुझे भी तो महका,
Kbhi काजल की जगह आंखो में मुझे भी तो बसा,
कभी कानों में बाली सा मुझे भी तो पीरोह,
Kbhi होठों पे लाली मेरे लहू की भी लगा,
कभी गले से हार जैसे नीचे मुझे भी उतार ,
Kbhi हाथों में लाख़ सा मुझे भी सजा,
कभी पैरो में पायल सा मुझे भी ख़नखा ,
Kbhiओढ़नी मेरी चाहत की भी ओढ़,
कभी खुद को ऐसे मुझसे भी मिला।।

©Sobs Sain Dream girl..💑
#Love #kavita #Shayar #Hindi 


#Thoughts
Kbhi मांग में मुझे भी तो भर,
कभी अपने गजरे से मुझे भी तो महका,
Kbhi काजल की जगह आंखो में मुझे भी तो बसा,
कभी कानों में बाली सा मुझे भी तो पीरोह,
Kbhi होठों पे लाली मेरे लहू की भी लगा,
कभी गले से हार जैसे नीचे मुझे भी उतार ,
Kbhi हाथों में लाख़ सा मुझे भी सजा,
कभी पैरो में पायल सा मुझे भी ख़नखा ,
Kbhiओढ़नी मेरी चाहत की भी ओढ़,
कभी खुद को ऐसे मुझसे भी मिला।।

©Sobs Sain Dream girl..💑
#Love #kavita #Shayar #Hindi 


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sobssain8326

Sobs Sain

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