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बहुत ही बदकिस्मत हूँ साहब..... जब शख़्स था तो वक़्

बहुत ही बदकिस्मत हूँ साहब.....
जब शख़्स था तो वक़्त नहीं.....
अब वक़्त है पर शख़्स नहीं......

© Muntazir tum kaha ho
बहुत ही बदकिस्मत हूँ साहब.....
जब शख़्स था तो वक़्त नहीं.....
अब वक़्त है पर शख़्स नहीं......

© Muntazir tum kaha ho
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Muntazir

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