वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है (अदम गोंडवी) मज़दूर दिवस पर कविता ------------- वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है उसी के दम से रौनक आपके बंगले में आई है इधर एक दिन की आमदनी का औसत है चवन्नी का उधर लाखों में गांधी जी के चेलों की कमाई है कोई भी सिरफिरा धमका के जब चाहे जिना कर ले हमारा मुल्क इस माने में बुधुआ की लुगाई है रोटी कितनी महंगी है ये वो औरत बताएगी जिसने जिस्म गिरवी रख के ये क़ीमत चुकाई है. " राहुल मौर्या " #मज़दूरदिवस