कट गये हाथ जिसे तराशकर वो मोहोब्बत कि निशानी बन गया। तुटकर बिछड़ने वाला मेहबूबों कि दुआओं का आमीन बन गया। पेड़ों को चिर दिल निकालना, क्या इसे इश्क, मोहब्बत, प्यार कहे। मेरी मनो तो मांझी का पहाड खोद राह बनाना हि प्यार, इश्क, मोहब्बत की निशानी बन गया। *कुदरत कायनात* manjhi's struggle is the sign of love