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क्या होगा पता नहीं? अस्पताल में बिस्तर नहीं. श

क्या होगा पता नहीं?

 अस्पताल में बिस्तर नहीं.
  शमशान में जगह नहीं..
 रैलियां रुकती नहीं।
                       भीड़ हटती नहीं. 
                       नेता मानते नहीं..
                       जनता सुनती नहीं।
थक चुके है सबके कदम .
जा चुके हैं अपने  कई..
क्यूं आते नहीं अच्छे दिन वही।
                   पर उम्मीदें भी  कम नहीं.
                   दिन यूं ही कट रहे..
                    हर पल चिंतन यही...
    आज तो है......
    कल हो या ना पता नहीं।
                  
                                           Ruskin nikunj ✍️

©Ruskin nikunj #shauk #LikhneKaShauk .
#PoetInYou
क्या होगा पता नहीं?

 अस्पताल में बिस्तर नहीं.
  शमशान में जगह नहीं..
 रैलियां रुकती नहीं।
                       भीड़ हटती नहीं. 
                       नेता मानते नहीं..
                       जनता सुनती नहीं।
थक चुके है सबके कदम .
जा चुके हैं अपने  कई..
क्यूं आते नहीं अच्छे दिन वही।
                   पर उम्मीदें भी  कम नहीं.
                   दिन यूं ही कट रहे..
                    हर पल चिंतन यही...
    आज तो है......
    कल हो या ना पता नहीं।
                  
                                           Ruskin nikunj ✍️

©Ruskin nikunj #shauk #LikhneKaShauk .
#PoetInYou