दिल ये दिल अक्सर पूछता है मुझसे एक बात मैं कैसे बयाँ करु इससे अपने जज्बात ये पूछता है मुझसे,क्यों मोहबब्त है तुझे उससे उतनी हीर की रांझे से थी मोहबब्त जितनी मै अक्सर इसे चुप करा देती हूं कुछ भी बोलकर इसे बहला देती हूं क्योंकि दिलो के मामले में दिमाग नही लगाती बस तेरी जान हूँ कहलाती #दिल