घर आंगन में खुशियों की राज बेटियाँ पपीहे के बोलीयों की आवाज़ बेटियाँ पापा के पगड़ी की हैं सरताज़ बेटीयां घर परिवार के मान की हैं बात बेटियाँ, बेटियाँ घर की लक्ष्मी हैं,ये बात जान लो इनसे सुघर गृहस्थी हैं ,ये बात मान लो रख कर ख़याल माँ बाप और सबका आँखों में सबकी बसती हैं,बस प्यार मांग लो, बन के वीरांगना सी तलवार बेटियाँ इज़्ज़त ख़ातिर अपनी हो,कटार बेटियाँ डूबती घर गृहस्थी की पतवार बेटियाँ पार लगा दे नैया,ओ खेवनहार बेटियाँ ।। ©बिमल तिवारी “आत्मबोध” #बालिकादिवस #balika #बालिकादिन #lightindark